आज के लिए गए स्वच्छंद विषय पर प्रस्तुत है एक गीत, शीर्षक है
' तुम बिन :
गीत:
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आज हमारे घर तुम आ कर तुम प्यार का दीप जला जाना
उजड़ी उजड़ी बगिया मेरी,सुन्दर फूल खिला जाना।
अरसा हुआ आए नहीं हो तुम याद तुम्हारी आती है,
दे कर सुकून मेरे दिल को तुम,दिल मेरा महका जाना।
आज हमारे घर आ कर तुम...........
मधुमास भी आ कर बीत गया प्यासी रही बगिया मेरी,
फूल खिल रहे चमन चमन,है ख़िज़ा भरी बगिया मेरी
एक बार आ कर के तुम मेरी बगिया कुसुमित कर जाना,
आज हमारे घर आ कर तुम प्यार का दीप जला जाना।
सावन मे अमुवा तरुवर पर सखियों ने झूला डाले थे,
पैंग बढ़ा ऊंचे सबने मिलकर मधुगीत सुनाये थे।
बैरन कोयल ने भी आ कर रट कू कू की लगाई थी,
मानो चिढ़ा रहे सब मुझको,मेरे दिल में अगन लगाई थी।
दिल की आग शमन करने पिय एक बार तो आ जाना,
आज़ हमारे घर आ कर तुम प्यार का दीप जला जाना।
मेंहदी लगा लगा कर सखियां निज हाथ दिखाया करती हैं,
छिपा हुआ सा मेंहदी बीच मे पिय-नाम लिखाया करती हैं।
पिय तुम आ कर आज मेरी मेंहदी का रंग चमका जाना,
बहुत प्यार करते हो मुझसे सखियों को मेरी दिखा जाना।
आज हमारे घर आ कर तुम प्यार का दीप जला जाना
आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़
सीताराम साहू 'निर्मल'
13-Apr-2023 12:57 PM
बहुत खूब
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ऋषभ दिव्येन्द्र
12-Apr-2023 10:30 PM
सुन्दर गीत
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